सिरोही।
“Tobacco Free Youth Campaign 3.0” के तहत शनिवार को सिरोही जिले में एक ऐतिहासिक और अभूतपूर्व पहल की गई, जिसमें जिले के सभी राजकीय विद्यालयों में एक साथ 1 लाख से अधिक विद्यार्थियों ने तंबाकू सेवन न करने की शपथ ली।
इस सामूहिक आयोजन का मुख्य उद्देश्य युवाओं को तंबाकू जैसे घातक नशों से दूर रखना, उन्हें स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित करना और एक जागरूक, तंबाकू मुक्त समाज का निर्माण करना था।
जिले के प्रत्येक विद्यालय में एक ही समय पर आयोजित इस कार्यक्रम में शिक्षकों और स्वास्थ्य कर्मियों ने विद्यार्थियों को तंबाकू सेवन से होने वाले गंभीर स्वास्थ्य दुष्प्रभावों के बारे में विस्तृत जानकारी दी। विद्यार्थियों को बताया गया कि तंबाकू का सेवन कैंसर, हृदय रोग, दाँतों की खराबी, फेफड़ों की बीमारियाँ, उच्च रक्तचाप, सांस की तकलीफ और जीवनकाल में कमी जैसी गंभीर बीमारियों का कारण बनता है।
साथ ही विद्यार्थियों को यह भी बताया गया कि तंबाकू छोड़ने से जीवन में कितने सकारात्मक परिवर्तन आते हैं — जैसे शारीरिक क्षमता में वृद्धि, साँस लेने में सुधार, ऊर्जा स्तर में बढ़ोतरी, भोजन का स्वाद और गंध का एहसास बेहतर होना, मानसिक स्वास्थ्य में सुधार और दीर्घकालिक रूप से जीवन प्रत्याशा में वृद्धि।
शिक्षकों ने समझाया कि तंबाकू छोड़ने वाला व्यक्ति न केवल स्वयं स्वस्थ रहता है, बल्कि अपने परिवार के अन्य सदस्यों को परोक्ष धूम्रपान (Passive Smoking) से भी बचाता है।
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जिलेभर में हुआ सामूहिक आयोजन
यह अभियान मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (CMHO) डॉ. दिनेश खराड़ी के नेतृत्व में पूरे जिले में एक साथ संचालित किया गया।
इसमें स्वास्थ्य विभाग, शिक्षा विभाग, विद्यालय प्राचार्य, शिक्षक और बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएँ सक्रिय रूप से शामिल हुए।
जिले के सभी ब्लॉकों में एक ही समय पर यह शपथ समारोह आयोजित हुआ।
CMHO डॉ. दिनेश खराड़ी ने बताया कि सिरोही जिले में एक साथ एक लाख से अधिक विद्यार्थियों द्वारा तंबाकू सेवन न करने की शपथ लेना अपने आप में एक ऐतिहासिक और प्रेरणादायक कदम है। युवाओं को तंबाकू से दूर रखना और उन्हें स्वस्थ जीवन की ओर प्रेरित करना हमारे ‘Tobacco Free Youth Campaign 3.0’ का मुख्य उद्देश्य है। तंबाकू सेवन न केवल व्यक्ति के स्वास्थ्य को नुकसान पहुँचाता है, बल्कि उसके परिवार और समाज पर भी गहरा प्रभाव डालता है। हमारा लक्ष्य है कि सिरोही जिला आने वाले समय में पूरी तरह तंबाकू मुक्त बने।
उन्होंने आगे कहा कि विद्यालय स्तर पर ऐसे सामूहिक अभियान युवाओं के व्यवहार में स्थायी परिवर्तन लाने का सशक्त माध्यम हैं।
जब विद्यार्थी स्वयं तंबाकू का त्याग करने का संकल्प लेते हैं, तो वे अपने परिवार और समाज में परिवर्तन के प्रेरक बनते हैं। शिक्षकों और अभिभावकों को भी बच्चों को नशामुक्त जीवन के लिए प्रेरित करते रहना चाहिए, क्योंकि स्वस्थ युवा ही मजबूत राष्ट्र की नींव होते हैं
तंबाकू न करने के प्रमुख लाभ
1. फेफड़े और हृदय स्वस्थ रहते हैं, जिससे श्वसन और रक्त संचार बेहतर होता है।
2. कैंसर, दिल की बीमारियाँ और दाँतों की समस्या का खतरा काफी हद तक कम हो जाता है।
3. साँस की दुर्गंध और दाँतों के पीलेपन से छुटकारा मिलता है।
4. प्रतिरोधक क्षमता (Immunity) में वृद्धि होती है, जिससे व्यक्ति कम बीमार पड़ता है।
5. मानसिक एकाग्रता और ऊर्जा स्तर में सुधार होता है।
6. परिवार के अन्य सदस्यों, विशेष रूप से बच्चों, को तंबाकू के हानिकारक धुएँ से सुरक्षा मिलती है।
7. आर्थिक बचत होती है, क्योंकि तंबाकू पर खर्च होने वाला धन परिवार के उपयोग में लाया जा सकता है।
8. सबसे बड़ा लाभ — जीवन की गुणवत्ता और आयु दोनों में वृद्धि।
सिरोही जिले की यह पहल राजस्थान में तंबाकू मुक्त युवा अभियान का एक मिसाल बनकर उभरी है।
इस आयोजन ने यह संदेश दिया कि जब युवा वर्ग किसी अच्छे उद्देश्य के साथ संगठित होता है, तो समाज में बड़े और सकारात्मक परिवर्तन संभव हैं।

